गुरुग्राम का देशी स्ट्रीट फ़ूड जिसका नाम सुनते ही जी ललचाए
गुरुग्राम में रहने वाले लगभग सभी निवासी इस देशी खाने के दीवाने हैं और नाम सुनते ही हर कोई लार टपकाने लग जाता है फिर चाहे मीठा खाने की बात हो या तीखा और स्वादिष्ट, इसके लिए कोई इंतज़ार नहीं करना चाहता।
आज हम आपके साथ कुछ ऐसी जगह साझा कर रहे हैं जिनका खाना आपने नहीं खाया तो आपने गुरुग्राम में कुछ नहीं खाया।
१. गाँधी पकोड़े वाला: अगर आप पकोड़े खाने के शौक़ीन हैं तो गुरुग्राम के मुख्य डाकघर के पीछे जनता बाजार में स्थित गाँधी पकोड़े वाला आपके लिए बिलकुल सही जगह है, यहाँ पर आपको अलग अलग तरह के आलू, प्याज, पनीर इत्यादि के पकोड़े चटनी और मसाले के साथ परोसे जाते हैं, ये पारिवारिक प्रतिष्ठान पिछली कई पीढ़ियों से पकोड़े बनाने के लिए प्रसिद्ध है।
२. सरदार जी जलेबी वाले: यह जगह आज़ादी के समय से मीठे के दीवानों की सबसे पसंदीदा जगहों में से एक है, देशी घी से बनी जलेबी का नाम आते ही सबसे पहले सदर बाजार के सरदार जी जलेबी वाले का नाम सामने आता है, यहाँ पर हमें जलेबी का जायका लेने के लिए कई बार लम्बी लाइन में भी लगना पड़ता है लेकिन इनकी तेज सर्विस के चलते बहुत जल्द ही गरमा गरम जलेबी का स्वाद ले सकते हैं।
३. केशु दी हट्टी का समोसा चाट और डोडा बर्फी: बड़े बड़े नेताओं से लेकर पुराने गुरुग्राम का हर निवासी के डी एच (केशु दी हट्टी) के बने समोसा चाट और डोडा बर्फी की तारीफ किये बिना नहीं रुकता, हर रोज शाम के समय यहाँ पर सैंकड़ों लोगों को समोसा चाट और डोडा बर्फी के चटकारे लेते देखा जा सकता है। कुछ समय पहले एक बार यहाँ से गुजरते समय अभिनेत्री और नेता श्रीमती स्मृति ईरानी ने भी गुरुग्राम के न्यू कॉलोनी स्थित केशु दी हट्टी के बने समोसे और आलू टिक्की का लुत्फ़ उठाया था।
४. बॉम्बे बेस्ट पाव भाजी: पाव भाजी को मुंबई का सबसे पसंदीदा पकवान और स्ट्रीट फ़ूड माना जाता है। गुरुग्राम में लाजवाब और स्वादिष्ट पाव भाजी का मजा लेने के लिए सेक्टर चार के बाजार से बेहतर कोई जगह नहीं है, यहाँ पर पूरे शहर के लोग बॉम्बे बेस्ट पाव भाजी का चटकारा लेने आते हैं, इस एक छोटी सी पाव भाजी की स्टाल के बच्चे और बड़े बूढ़े सभी दीवाने हैं। जब भी पेट में चूहे दौड़ रहे हो और शाम के समय कुछ अच्छा खाने का मन करे तो इससे बेहतर कोई जगह नहीं।
५. मंगले दी कुल्फी और रबड़ी फालूदा: चिलचिलाती धूप वाली दोपहर हो या फिर रात को खाना खाने के बाद कुछ ठंडा खाने का मन, मँगले दी कुल्फी और फलूदे का ख्याल अनायास ही हर गुरुग्राम निवासी के दिमाग में आ जाता है। रात को 9-10 बजे के बाद भी न्यू कॉलोनी के गुरूद्वारे के पास मंगले दी कुल्फी वाले के यहाँ लोगों को ठंडी कुल्फी और मटका रबड़ी फलूदे का स्वाद लेते देख सकते हैं।
६. सिविल लाइन के छोले भठूरे: गुरुग्राम के सबसे स्वादिष्ट और मसालेदार छोले भठूरे खाने के लिए हमें सेक्टर 15 के पास सिविल लाइन जाना पड़ेगा। अगर हम दिन के समय में सदर बाजार में खरीददारी करके थक गए हैं और जल्दी से कुछ अच्छा खाने का मन कर रहा है तो पास में सिविल लाइन में बेहतरीन छोले भठूरे का जायका ले सकते हैं। हर रोज सुबह 10 बजे के बाद सिविल लाइन के पास छोले भठूरे वाले के यहाँ पर लोगों की लम्बी कतार ही इसका स्वाद बढ़ा देती है।
७ बम्बई वाले गोल गप्पे: गोल गप्पे का नाम लो और मुँह में पानी ना आये ऐसा कभी नहीं हुआ। गुरुग्राम के किसी भी मार्केट में हम छोटी छोटी चलती फिरती स्टाल पर तीखे और मीठे पानी के साथ गोल गप्पे का स्वाद ले सकते हैं, लेकिन नीले रंग की शर्ट पहने हुए बम्बई के प्रसिद्ध गोल गप्पे वालों से खाने का स्वाद ही अलग होता है, विशेषतया आखिर में मसाले और नीम्बू रस के साथ मिलने वाले सूखे गोल गप्पे का। गुरुग्राम के हर छोटे बड़े बाजार चाहे वो सेक्टर कर बाजार हो या फिर मुख्य सदर बाजार, सभी जगह पर हम बम्बई के प्रसिद्ध गोल गप्पे खा सकते हैं।
८. सदर बाजार की कचौड़ी और बेड़मी पूरी: सुबह सुबह नाश्ते का समय और अगर घर से बाहर हैं तो सदर बाजार की जैकबपुरा की तरफ चूड़ी वाली गली से बेहतर कोई जगह नहीं। यहाँ की कचौड़ी, बेड़मी पूरी और सब्जी पूरे शहर में मशहूर है, इसका स्वाद हम मोनू कचौड़ी वाले के यहाँ ले सकते सकते हैं या फिर फिर पास ही मौजूद एक और कचौड़ी वाले के यहाँ। अल सुबह 7 बजे से लेकर 10-11 बजे तक सैंकड़ों लोग यहाँ पर हमें नाश्ता करते दिखाई देंगे।
९. गोहाना की सुप्रसिद्ध जलेबी: मिठाइयों की रानी कहे जाने वाली जलेबी के अलग तरीके का स्वाद लेना हो तो गोहाना की जलेबी जिसे हम आम भाषा में जलेबा भी कहते हैं से बेहतर कुछ नहीं और जब इसके साथ तीखे मसालेदार समोसे का चटकारा लेने को मिल जाए तो खाने वालों की बखिया खिल जाती है। गुरुग्राम में भी काफी जगह पर गोहाना की जलेबी और समोसे का मजा लिया जा सकता है जिसमें सेक्टर 23, गोल्फ कोर्स सड़क और सोहना सड़क स्थित जलेबी वाले काफी अच्छे माने जाते हैं। गोहाना की जलेबी आकर में सामान्य जलेबी से काफी बड़ी होती है और कहीं कहीं पर एक किलो तक की एक जलेबी मिल जाती है।
१०. लिट्टी चोखा: गुरुग्राम में रहकर हम बिहार के पारम्परिक व्यंजनों का भी स्वाद ले सकते हैं। बिहार का सबसे पसंदीदा व्यंजन माने जाने वाला लिट्टी चोखा आजकल गुरुग्राम के लगभग सभी मुख्य बाजारों में मिल जाता है, लिट्टी को तंदूर में या लकड़ी की आग पर पकाया जाता है जिसमें चने का आटा, दाल, मसाला आदि भरा होता है और पकने के बाद इसे देशी घी में डाल कर निकाला जाता है। लिट्टी दिखने में बिलकुल राजस्थानी बाटी की तरह होती है लेकिन इसका स्वाद बिलकुल अलग होता है। लिट्टी चोखा हम अपने स्वाद के अनुसार तीखा मसालेदार या फिर हल्का तीखा बनवा सकते हैं। इसके साथ अलग-2 तरह की चटनी परोसी जाती है जो स्वाद में चार चाँद लगा देती हैं।
इसीलिए अब जब भी आपका अलग अलग राज्यों के प्रसिद्ध देशी खाने का स्वाद लेना हो तो कहीं बहार जाने की जरुरत नहीं है, ये सब गुरुग्राम में आसानी से मिल जाता है और इसके लिए बड़े बड़े रेस्टॉरेंट्स की तरह आपको हजारों रूपए नहीं खर्चने पड़ते।
Note: Images are taken from Google. Reach out to me to know the exact locations. All street foods are enjoyed personally multiple times.